नाम- प्रदीप कुमार साहनी
उपनाम- "दीप", दीपक
माता-पिता- श्रीमती सरिता देवी और श्री रामदास केवट
पता:-
आसनासिंघा
धनबाद
झारखण्ड
जन्म तिथि :- 13 .03 .1985
रक्त समूह :- O (+)
शिक्षा:-
जवाहर नवोदय विद्यालय, गांडे, गिरिडीह, झारखण्ड ( 10th तक )
जवाहर नवोदय विद्यालय, सिजुलता, सराइकेला-खरसावाँ, झारखण्ड (12th तक )
पुरुषोत्तम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलोजी, राउरकेला, उड़ीसा (बी.टेक )
नौकरी:-
एम.एन.इलेक्ट्रिकल्स, चास, बोकारो, झारखण्ड
( जुलाई 2009 से जारी है )
रूचि :- कविता लिखना, क्रिकेट देखना, फिल्मे देखना, गाने सुनना
Email Ids:-
pradip_31m@yahoo.com
pradip_kumar110@yahoo.com
pro.pradip@gmail.com
Contact No:- 09006757417
मेरे बारे में दो शब्द-
मेरा जन्म झारखण्ड के धनबाद शहर से २५ किमी दूर एक गाँव में हुआ | दादाजी स्व. दुर्गा प्रसाद केवट स्कूल में हेड मास्टर थे | उन्ही के संस्कारों में पला-पढ़ा | ६ठी. से १०वीं कक्षा तक की पढाई जवाहर नवोदय विद्यालय, गांडेय, गिरिडीह में हुई | उसी दौरान हिंदी के शिक्षक श्री राम जी भक्त के मार्गदर्शन और प्रेरणा से कविता लिखना शुरू किया | +२ की पढाई जवाहर नवोदय विद्यालय, सराइकेला-खरसावाँ से हुई | उसके बाद PIET, राउरकेला, उड़ीसा से इलेक्ट्रोनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में डिग्री ली |
फिर २००९ में मानसी से शादी भी हो गयी | 2011 में मेरे घर एक नन्ही-सी परी आई है |
अभी फिलहाल बोकारो में ही एक निजी कम्पनी में प्रोजेक्ट इंजीनियर के रूप में कार्यरत हूँ | हमलोग ३ भाई-बहन हैं | मैं सबसे बड़ा, फिर मेरी बहन किरण, जिसकी शादी रांची में श्री विजय चौधरी से हुई है और उनकी एक पुत्री भी है, सबसे छोटा मेरा भाई रघुनाथ (कन्हैया), जो अभी पुणे में TCS में कार्यरत है |
पेशे से भले ही मैं अभियंता हूँ पर दिल से कवि हूँ | स्कूल के दिनों से ही जो कवितायेँ लिखनी शरू की वो आज यथावत है |
"दोस्तों की दोस्ती, यारों का यार भी हूँ,
दिल से चाहने वाले का प्यार भी हूँ,
हर शख्स, हर अक्स मेरी नज़रों में है,
आँखों की नमी, होठों की हंसी, और सपनों का चौकीदार भी हूँ |"
धनबाद
झारखण्ड
जन्म तिथि :- 13 .03 .1985
रक्त समूह :- O (+)
शिक्षा:-
जवाहर नवोदय विद्यालय, गांडे, गिरिडीह, झारखण्ड ( 10th तक )
जवाहर नवोदय विद्यालय, सिजुलता, सराइकेला-खरसावाँ, झारखण्ड (12th तक )
पुरुषोत्तम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलोजी, राउरकेला, उड़ीसा (बी.टेक )
नौकरी:-
एम.एन.इलेक्ट्रिकल्स, चास, बोकारो, झारखण्ड
( जुलाई 2009 से जारी है )
रूचि :- कविता लिखना, क्रिकेट देखना, फिल्मे देखना, गाने सुनना
Email Ids:-
pradip_31m@yahoo.com
pradip_kumar110@yahoo.com
pro.pradip@gmail.com
Contact No:- 09006757417
मेरे बारे में दो शब्द-
मेरा जन्म झारखण्ड के धनबाद शहर से २५ किमी दूर एक गाँव में हुआ | दादाजी स्व. दुर्गा प्रसाद केवट स्कूल में हेड मास्टर थे | उन्ही के संस्कारों में पला-पढ़ा | ६ठी. से १०वीं कक्षा तक की पढाई जवाहर नवोदय विद्यालय, गांडेय, गिरिडीह में हुई | उसी दौरान हिंदी के शिक्षक श्री राम जी भक्त के मार्गदर्शन और प्रेरणा से कविता लिखना शुरू किया | +२ की पढाई जवाहर नवोदय विद्यालय, सराइकेला-खरसावाँ से हुई | उसके बाद PIET, राउरकेला, उड़ीसा से इलेक्ट्रोनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में डिग्री ली |
फिर २००९ में मानसी से शादी भी हो गयी | 2011 में मेरे घर एक नन्ही-सी परी आई है |
अभी फिलहाल बोकारो में ही एक निजी कम्पनी में प्रोजेक्ट इंजीनियर के रूप में कार्यरत हूँ | हमलोग ३ भाई-बहन हैं | मैं सबसे बड़ा, फिर मेरी बहन किरण, जिसकी शादी रांची में श्री विजय चौधरी से हुई है और उनकी एक पुत्री भी है, सबसे छोटा मेरा भाई रघुनाथ (कन्हैया), जो अभी पुणे में TCS में कार्यरत है |
पेशे से भले ही मैं अभियंता हूँ पर दिल से कवि हूँ | स्कूल के दिनों से ही जो कवितायेँ लिखनी शरू की वो आज यथावत है |
"संसार के पटल में, मैं एक छवि हूँ,
पेशे से अभियंता और दिल से कवि हूँ |
भावना के उदगार को, व्यक्त ही तो करता हूँ,
हृदय के जज्बात को, प्रकट ही तो करता हूँ;
बस एक "दीप" हूँ, कब कहा रवि हूँ ;
पेशे से अभियंता और दिल से कवि हूँ |"
"दोस्तों की दोस्ती, यारों का यार भी हूँ,
दिल से चाहने वाले का प्यार भी हूँ,
हर शख्स, हर अक्स मेरी नज़रों में है,
आँखों की नमी, होठों की हंसी, और सपनों का चौकीदार भी हूँ |"