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Wednesday, October 12, 2011

"पेड़ लगाओ, देश बचाओ !!"


"पेड़ लगाओ, देश बचाओ !!"

बहुत पुराना है नारा ;

हकीकतन इससे सबने

पर कर लिया किनारा |



वो औद्योगीकरण के नाम पे,

जंगल के जंगल उड़ाते हैं;

पेड़ काट के नई इमारतों का,

अधिकार दिए जाते हैं |



नीति कुछ ऐसी है-

"जंगल हटाओ, विकास रचाओ !" 

पर कहते हैं जनता से,

"पेड़ लगाओ, देश बचाओ !!"

12 comments:

  1. बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति, बधाई

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  2. अच्छी प्रस्तुति!
    अरे भैय्या जी कितनी जगह लगा दी आपने यह पोस्ट?

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  3. धन्यवाद शुक्ला जी | आभार |

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  4. शास्त्री जी आभार | एक जगह ज्यादा पाठक आते नहीं इसलिए ज्यादा जगह लगा दिया | 2-3 भी आयेंगे एक जगह तो कुल 10 से ज्यादा हो जायेंगे |

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  5. रविकर जी धन्यवाद |

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  6. बहुत सुंदर कविता है...सुंदर सन्देश लिए ....

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  7. भाव शानदार हैं. करारा प्रहार है.

    दुनाली पर आएं, आपका स्‍वागत है-
    पिगविजय की चिट्ठी पहुंची भालेगण सिद्धी

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  8. चैतन्य जी आभार | इसी तरह ब्लॉग में आते रहें |

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  9. नीरज जी धन्यवाद |

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  10. M.Singh जी धन्यवाद |

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  11. प्रदीप कुमार जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, "पेड़ लगाओ, देश बचाओ !!" यही नारा हर किसी ने अपने जीवन में अंगीकार करना होंगा. तभी हम सब चैन की साँस ले पाएंगें.

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