मेरे साथी:-

Wednesday, October 26, 2011

आओ एक दीप जलायें

आओ एक दीप जलायें,
मन के अँधियारे में,
जीवन के गलियारे में,
मन-मंदिर रोशन करायें,
आओ एक दीप जलायें |

अज्ञान को भगाये दूर,
ज्ञान फैलायें हम भरपूर,
सबको सच्ची राह दिखायें,
आओ एक दीप जलायें |

खुशियाँ ही बस खुशियाँ बाँटे,
दहशत के कोई पल न काटे,
सिद्दत से दीवाली मनायें,
आऔ एक दीप जलायें |

Wednesday, October 12, 2011

"पेड़ लगाओ, देश बचाओ !!"


"पेड़ लगाओ, देश बचाओ !!"

बहुत पुराना है नारा ;

हकीकतन इससे सबने

पर कर लिया किनारा |



वो औद्योगीकरण के नाम पे,

जंगल के जंगल उड़ाते हैं;

पेड़ काट के नई इमारतों का,

अधिकार दिए जाते हैं |



नीति कुछ ऐसी है-

"जंगल हटाओ, विकास रचाओ !" 

पर कहते हैं जनता से,

"पेड़ लगाओ, देश बचाओ !!"

Tuesday, October 11, 2011

आबो हवा

नहीं रहा अब
दुनिया पे यकीन,
भरोसे जैसी कोई
अब चीज कम है ;
बदल गये लोग
बदल गई मानसिकता,
बदल गई सोच
खतम हुई नैतिकता ;
हमने ही सब बदला
और कहते हैं आज
कि अच्छी नहीं रही
अब आबो हवा |

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