मेरे साथी:-

Saturday, September 4, 2010

मैं

दोस्तों की दोस्ती, यारों का यार भी हूँ,
दिल से चाहने वाले का प्यार भी हूँ,
हर शख्स, हर अक्स मेरी नज़रों में है,
आँखों की नमी, होठों की हंसी, और सपनों का चौकीदार भी हूँ |

इस जहाँ में करोड़ों में एक आशियाँ मेरा भी है,
सबके बीच इस जहाँ में एक जहाँ मेरा भी है;
मेरे भी कुछ सपने हैं, मेरे भी कुछ अपने हैं,
रंग बिरंगे गुलशन में एक गुलिश्तां मेरा भी है |

Thursday, September 2, 2010

अरे ओ यारों, थोडा समय तो निकालो

अरे ओ यारों, थोडा समय तो निकालो,
चार दिन की है अपनी ये जिंदगी,
दोस्तों को भी याद करो अरे ओ काम वालों,
अरे ओ यारों! थोडा समय तो निकालो |

व्यस्त हैं सब, इससे इनकार कब है,
काम का है बोझ, खुशियाँ साकार कब है,
व्यस्तता में से कुछ छन हंसी के निकालो,
अरे ओ यारों! थोडा समय तो निकालो |

अपनी अपनी जिंदगी में हर कोई है खोया,
दूसरों के दुःख में कोई एक आंसूं न रोया,
दो पल का साथ किसी और से निभालो,
अरे ओ यारों! थोडा समय तो निकालो |

दोस्तों की दोस्ती सब भूल ही गए,
काम के नशें में सब खो ही गए,
कमबख्तों!!दोस्ती की लाज थोड़ी-सी उठा लो,
अरे ओ यारों! थोडा समय तो निकालो |

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-प्रदीप